रक्षाबंधन पर राखी भाई की दाहिनी कलाई पर ही क्यों बांधी जाती है? आइए इसकी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं को समझते हैं:

दाहिना हाथ = शुभता और पवित्रता

हिंदू धर्म में दाहिना हाथ शुभ कार्यों, पूजा-पाठ और धार्मिक कर्मकांडों में इस्तेमाल किया जाता है. यही कारण है कि राखी—a एक पवित्र रक्षा सूत्र—भी भाई की दाहिनी कलाई पर बांधना शुभ माना जाता है.

कर्म‑करण का प्रतीक हाथ

दाहिना हाथ वह अंग है जिससे हम कर्म (action) करते हैं – रक्षा, सहयोग, संकल्प आदि. इसलिए बहन इस हाथ पर राखी बाँधकर भाई से रक्षा‑संकल्प की कामना करती है.

एंगेल्चर/योग और संस्कृति अनुसार बांया अंग स्त्रीत्व, जबकि दाहिना पुरुषत्व, शक्ति और संकल्प का प्रतीक माना जाता है। दाहिने हाथ पर राखी बाँधना इन उर्जा प्रवाहों को संतुलित करने में सहायक होता है.

शक्ति, संतुलन और ऊर्जा प्रवाह

युद्धकालीन सुरक्षा का प्रतीक

इतिहास में योद्धा अपने दाहिने हाथ पर रक्षा सूचक धागा या अमुलेट बाँधते थे—राखी इसी रक्षा‑पुष्टि का प्रतीक बन गई.

शास्त्रों और परंपराओं में उल्लेख

भविष्यपुराण, महाभारत जैसी धार्मिक कथाओं में भी राखी बाँधने का विवरण मिलता है, और यह अमूर्त सुरक्षा की भावना का प्रतिनिधित्व करता है. WikipediaAaj Tak साथ ही, शास्त्रीय दृष्टिकोण से यह सिर्फ भाई-बहन तक सीमित नहीं, बल्कि किसी को सुरक्षा या संकल्प का प्रतीक मानकर भी बाँधा जाता था.