रमेश की सच्ची कहानी
रमेश की सच्ची कहानी
रमेश एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है, हर महीने ₹35,000 सैलरी मिलती है।
लेकिन महीने के आख़िर में अकाउंट में ₹0!
हर बार यही सोचता – "इतनी मेहनत करता हूँ, फिर भी बचत नहीं हो पा रही...
रमेश एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है, हर महीने ₹35,000 सैलरी मिलती है।
लेकिन महीने के आख़िर में अकाउंट में ₹0!
हर बार यही सोचता – "इतनी मेहनत करता हूँ, फिर भी बचत नहीं हो पा रही...