वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का मुख्य दरवाजा एक महत्वपूर्ण स्थान होता है, जो घर में सुख, समृद्धि और शुभ ऊर्जा लेन में मदद करता है।

 1. उत्तम दिशाएँ (सर्वोत्तम दिशाएँ)

 ✅ उत्तर (उत्तर)- धन और समृद्धि बढ़ती है, सौभाग्य आता है।

 ✅ पूर्व (पूर्व) – स्वास्थ्य, बुद्धि और शिक्षा में उन्नति होती है।

 ✅ उत्तर-पूर्व (पूर्वोत्तर)- ये सबसे शुभ दिशा मणि जाती है, घर में शांति, आध्यात्मिक विकास और धन आकर्षण होता है।

 2. मध्यम दिशाएँ (तटस्थ दिशाएँ)

 पश्चिम (पश्चिम) - थोड़ा मध्यम फल मिलता है, लेकिन अगर वास्तु अनुसर सुधार हो तो लाभदायक हो सकता है।

 दक्षिण-पश्चिम (दक्षिण-पश्चिम) - इस दिशा में दरवाजा हो तो घरेलू समस्याएँ हो सकती हैं, लेकिन वास्तु उपाय से इसे संतुलित किया जा सकता है।

 3. अशुभ दिशाएँ (इन दिशाओं से बचें)

 ❌ दक्षिण (दक्षिण) - नुक्सान, चिंताएं और स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

 ❌ दक्षिण-पूर्व (दक्षिणपूर्व) - ये आग का कोना होता है, जो घर के लोगों के लिए झगड़ा, स्वास्थ्य समस्या और धन का नुक्सान ला सकता है।

 मुख्य दरवाजे का वास्तु लाभ

 ✔️ अच्छी ऊर्जा और सकारात्मकता ✔️ धन और समृद्धि बढ़ाने की संभावना ✔️ बिमारियां और कालाहा दूर रहता है ✔️आध्यात्मिक और मानसिक शांति मिलती

 🔹दरवाज़ा हमेशा साफ़ और सुन्दर रखें। 🔹 दरवाजे के सामने घंटा या शुभ चिन्ह लगाएं (स्वस्तिक, ओम या कलश)।

 वास्तु टिप्स