🌼 शुरुआत: 22 सितंबर, 2025 (सोमवार) 🙏 समापन: 1 अक्टूबर, 2025 (महानवमी)
🪔 उत्तर भारत में इसे महाअष्टमी कहा जाता है। 🌸 पूर्वी भारत के कुछ राज्यों में इसे दुर्गा अष्टमी के नाम से जाना जाता है।
🗓 महाअष्टमी (Durga Ashtami): मंगलवार, 30 सितंबर 2025 ⏰ अष्टमी तिथि का समय: 29 सितंबर को अपराह्न 4:31 बजे से 30 सितंबर को सायं 6:06 बजे तक
👧 कन्याओं का आमंत्रण: नौ कन्याओं को घर बुलाएं। 🪔 स्वागत: उनके पैर धोकर उन्हें बिठाएं। 🙏 पूजा: माँ दुर्गा के मंत्रों का जाप करें और कन्याओं को पूजा का प्रसाद अर्पित करें। 🍽️ भोजन और उपहार: कन्याओं को स्वादिष्ट भोजन और उपहार दें।
🌺 महाअष्टमी का महत्व: यह दिन देवी दुर्गा की पूजा का विशेष अवसर है, जिसमें उनकी शक्ति और कृपा की प्राप्ति के लिए विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं। 👧 कन्या पूजन का उद्देश्य: कन्या पूजन से न केवल धार्मिक लाभ मिलता है, बल्कि यह समाज में कन्या के सम्मान और प्रतिष्ठा को भी बढ़ाता है।
शारदीय नवरात्र हमें सिखाता है संकटों पर विजय और मातृभक्ति। इस महापर्व में करें भक्ति और आनंद का अनुभव।