ये 5 बिंदु हैं जो आपको निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं कि घर की फाइनेंसिंग के लिए पूर्व-अनुमोदन लेना जरूरी है या नहीं
ये 5 बिंदु हैं जो आपको निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं कि घर की फाइनेंसिंग के लिए पूर्व-अनुमोदन लेना जरूरी है या नहीं
प्री-अप्रूवल से आपको पता चलता है कि बैंक कितनी लोन राशि देगा, जिससे आप सही प्रॉपर्टी चुन सकते हैं।
प्री-अप्रूवल से आपको पता चलता है कि बैंक कितनी लोन राशि देगा, जिससे आप सही प्रॉपर्टी चुन सकते हैं।
बजट स्पष्टता (Budget Clarity)
बेहतर सौदेबाजी (Better Negotiation)
प्री-अप्रूवल से सेलर को यकीन होता है कि आप सीरियस बायर हैं, जिससे डील बेहतर हो सकती है।
प्री-अप्रूवल से सेलर को यकीन होता है कि आप सीरियस बायर हैं, जिससे डील बेहतर हो सकती है।
तेज़ अप्रूवल (Faster Approval)
तेज़ अप्रूवल (Faster Approval)
प्री-अप्रूवल होने से लोन प्रोसेस जल्दी पूरा होता है और खरीदारी में देरी नहीं होती।
प्री-अप्रूवल होने से लोन प्रोसेस जल्दी पूरा होता है और खरीदारी में देरी नहीं होती।
क्रेडिट स्थिति (Credit Status)
प्री-अप्रूवल से आपकी क्रेडिट हिस्ट्री का आकलन होता है, जिससे पहले से सुधार का मौका मिलता है।
प्री-अप्रूवल से आपकी क्रेडिट हिस्ट्री का आकलन होता है, जिससे पहले से सुधार का मौका मिलता है।
ज़रूरी नहीं (Not Always Needed)
अगर आपको पहले से अपनी फाइनेंशियल स्थिति का पूरा अंदाजा है या आप कैश में खरीद रहे हैं, तो प्री-अप्रूवल ज़रूरी नहीं।
अगर आपको पहले से अपनी फाइनेंशियल स्थिति का पूरा अंदाजा है या आप कैश में खरीद रहे हैं, तो प्री-अप्रूवल ज़रूरी नहीं।