दिल्ली भूमि अभिलेख पोर्टल (DORIS) पर जाँच करें

 दिल्ली सरकार के Online पोर्टल पर जाकर खसरा नंबर और अन्य विवरण भरकर संपत्ति की जानकारी सत्यापित करें

 सब-रजिस्ट्रार कार्यालय (SRO) से जांच करें

 संपत्ति का रजिस्ट्रीकरण जिस उप-पंजीयक (Sub-Registrar) कार्यालय में हुआ है, वहां जाकर दस्तावेज़ की सत्यता और कानूनी स्थिति की पुष्टि करें

 संपत्ति कर रिकॉर्ड की जाँच करें

 संपत्ति के पिछले कर भुगतान विवरण को MCD पोर्टल या संबंधित नगर निगम के कार्यालय में जांचें, जिससे पता चले कि संपत्ति पर कोई बकाया कर तो नहीं है

 मकान मालिक या विक्रेता के स्वामित्व की पुष्टि करें

 विक्रेता के स्वामित्व प्रमाण, जैसे सेल डीड, पावर ऑफ अटॉर्नी, विल (Will) आदि की जाँच करें और उन्हें सत्यापित करने के लिए वकील या कानूनी विशेषज्ञ की मदद लें

 कोर्ट केस और कानूनी विवादों की जाँच करें

 संपत्ति किसी कानूनी विवाद में तो नहीं है, यह जांचने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट या जिला अदालत की वेबसाइट पर केस स्टेटस देखें या वकील की सहायता लें

 इन सभी चरणों को ध्यान से अपनाने से आप संपत्ति दस्तावेज़ों की प्रमाणिकता सुनिश्चित कर सकते हैं।