निर्जला एकादशी और इसका महत्व 

निर्जला एकादशी और इसका महत्व 

निर्जला एकादशी का व्रत यह एकादशी हर माह की ग्यारवीं तिथि को आता है, जिसमें निर्जल यानी बिना पानी पीए व्रत रखा जाता है।

पवित्रता और स्वास्थ्य लाभ इस व्रत से शरीर का शुद्धिकरण होता है और मन को भी शांति मिलती है।

पापों का नाश मान्यता है कि निर्जला एकादशी का व्रत रखने से पिछले सारे पाप मिट जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

भगवान विष्णु को समर्पित यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और उन्हें खुश करने का सर्वोत्तम उपाय माना जाता है।

धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व यह व्रत भक्तों के लिए आत्म-नियंत्रण और भक्ति की परीक्षा भी होता है, जिससे आध्यात्मिक उन्नति होती है।