12 जून 2025 की वह सुबह, जब आसमान भी रो पड़ा…
सुबह के लगभग 8:45 बजे का समय था। आम दिनों की तरह ही लोग अपने-अपने कामों में व्यस्त थे। किसी को क्या पता था कि अहमदाबाद के आसमान में एक विमान कुछ ही पलों में ज़मीन से टकरा जाएगा और कई परिवारों की ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल जाएगी।

घटना की शुरुआत:
विस्तारा एयरलाइंस की फ्लाइट UK-798, जो दिल्ली से अहमदाबाद आ रही थी, लैंडिंग के दौरान मौसम की खराबी के कारण संतुलन खो बैठी। पायलट ने आखिरी क्षण तक विमान को संभालने की कोशिश की, लेकिन रनवे के पास विमान ने संतुलन खोया और ज़मीन पर ज़ोरदार टक्कर के बाद उसमें आग लग गई। आसपास के लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले ही विमान से धुआँ और चीखें आसमान को चीरने लगीं।
एक-एक पल का दर्दनाक दृश्य:
घटनास्थल से जो तस्वीरें और वीडियो सामने आए, वे रोंगटे खड़े कर देने वाले थे। विमान के टुकड़े चारों ओर बिखरे पड़े थे। आग की लपटों में घिरे कुछ यात्री मदद के लिए पुकार रहे थे। एयरपोर्ट स्टाफ और दमकल कर्मियों ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन तब तक कई लोग ज़ख्मी हो चुके थे और कुछ ने तो दम भी तोड़ दिया।

घायलों की चीखें और परिजनों का विलाप:
जो लोग किसी तरह बच गए, उनकी आंखों में डर, सदमा और अविश्वास साफ़ देखा जा सकता था। किसी का भाई अंदर था, किसी की माँ। मोबाइल पर कॉल करते परिजन बस यही पूछ रहे थे, “मेरे अपने का क्या हुआ?” अस्पतालों के बाहर भारी भीड़ थी – रोते-बिलखते लोग, उम्मीद की किरण ढूंढती आंखें।
एक माँ की कहानी:
स्थानीय न्यूज़ चैनल से बातचीत करते हुए एक माँ ने कहा, “मेरी बेटी पहली बार फ्लाइट में सफर कर रही थी। उसने रात को कहा था – मम्मी, मैं पहुँचते ही कॉल करूँगी। लेकिन अब फोन नहीं उठता, ना ही उसका नाम लिस्ट में है।” यह कहते-कहते वो बेहोश हो गई।

सवाल जो खड़े हुए:
इस भयावह दुर्घटना के बाद कई सवाल उठ रहे हैं – क्या मौसम की चेतावनी समय पर मिली थी? क्या विमान तकनीकी रूप से पूरी तरह फिट था? पायलट ने आखिरी पलों में जो फैसला लिया, क्या वो सही था? DGCA ने जांच के आदेश दे दिए हैं, लेकिन क्या जांच से वो ज़ख्म भरेंगे जो इस दुर्घटना ने छोड़े हैं?
देश ने खो दिए कई अनमोल लोग:
इस दुर्घटना में कई परिवार उजड़ गए। कुछ छात्र जो इंटरव्यू देने जा रहे थे, कुछ बुज़ुर्ग अपने बच्चों से मिलने। अब सिर्फ नाम बचे हैं और यादें।
अहमदाबाद विमान दुर्घटना ने एक बार फिर हमें याद दिलाया है कि ज़िंदगी कितनी नाजुक है। एक क्षण में सब कुछ बदल सकता है। हमारी संवेदनाएँ उन सभी परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया। ईश्वर से प्रार्थना है कि घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें और दिवंगत आत्माओं को शांति दें।
🕯️ श्रद्धांजलि उन सभी को जो अब हमारे बीच नहीं हैं।