जब भी कोई व्यक्ति दिल्ली या अन्य मेट्रो शहरों में घर खरीदने का सोचता है, तो उसे Freehold और Leasehold Property जैसे शब्द सुनने को मिलते हैं। लेकिन ज्यादातर लोगों को इसका सही अर्थ और अंतर नहीं पता होता। अगर आप भी घर खरीदने जा रहे हैं, तो इन दोनों प्रॉपर्टी टाइप्स के बीच का अंतर जानना बहुत ज़रूरी है।

🧾 Freehold Property क्या होती है?
Freehold Property वह होती है जिसमें मालिक (Owner) को जमीन और भवन दोनों का पूर्ण अधिकार होता है। आप इस प्रकार की संपत्ति को बिना किसी रुकावट के बेच सकते हैं, किराए पर दे सकते हैं या अपने नाम पर ट्रांसफर कर सकते हैं।
✅ फायदे:
- आपको पूर्ण मालिकाना हक़ मिलता है
- भविष्य में प्रॉपर्टी को बेचना आसान
- बैंक से लोन आसानी से मिल जाता है
- लंबे समय का निवेश होता है

📄 Leasehold Property क्या होती है?
Leasehold Property उस संपत्ति को कहते हैं जो किसी अथॉरिटी (जैसे DDA, MCD आदि) से एक तय समय के लिए लीज़ (Lease) पर दी जाती है, आमतौर पर 30 से 99 साल के लिए। इसमें आप ज़मीन के मालिक नहीं होते, सिर्फ़ तय अवधि के लिए उपयोग करने का अधिकार होता है।
⚠️ सीमाएं:
- जमीन का मालिक सरकार या अथॉरिटी होती है
- लीज खत्म होने के बाद रिन्यू कराना पड़ता है
- लोन मिलना थोड़ा मुश्किल होता है
- बेचना और ट्रांसफर करना थोड़ा जटिल
🏠 घर खरीदते समय क्या चुनें?
अगर आप दिल्ली के Dwarka Mor, Uttam Nagar, Mansa Ram Park, Mohan Garden जैसे इलाकों में घर खरीदने की सोच रहे हैं, तो Freehold Property आपके लिए बेहतर और सुरक्षित विकल्प है।

🔑 Guru Mahadev Real Estate Pvt. Ltd. क्यों?
Guru Mahadev Real Estate Pvt. Ltd. पिछले 15 वर्षों से Delhi West में लोगों को Freehold Property दिलाने में मदद कर रहा है। हम 1BHK से लेकर 4BHK तक के मकान और फ्लैट्स, 90% लोन सुविधा के साथ उपलब्ध कराते हैं। हमारी टीम हर क्लाइंट की जरूरत को समझकर सबसे उपयुक्त प्रॉपर्टी का सुझाव देती है।
📞 अधिक जानकारी और साइट विजिट के लिए कॉल करें:
📲 9811911906
🌐 www.gurumahadevrealestate.com
People Also Ask (FAQs)
संपत्ति फ्रीजिंग का मतलब है कि उस संपत्ति पर किसी भी तरह का लेन-देन रोक दिया गया है। इसका कारण आम तौर पर कानूनी विवाद, ऋण या सरकारी आदेश होता है। जब संपत्ति फ्रीज होती है, तो आप उसे बेच या ट्रांसफर नहीं कर सकते। फ्रीज तब तक रहती है जब तक कि संबंधित मामले का हल न हो जाए।
लीज की अवधि आमतौर पर 30 से 99 साल होती है। कभी-कभी यह 99 साल से ज्यादा भी हो सकती है। लीज खत्म होने के बाद संपत्ति का असली मालिक वही बन जाता है। लीज की शर्तों में यह लिखा होता है कि लीज खत्म होने के बाद क्या होगा और अगर आप संपत्ति रखना चाहते हैं तो क्या नियम होंगे।
फ्रीहोल्ड प्रॉपर्टी वह है जिसमें आप पूरी तरह से मालिक होते हैं। इसका मतलब है कि आप संपत्ति पर पूरी तरह अधिकार रखते हैं और इसे अपने हिसाब से इस्तेमाल कर सकते हैं। आप इसे बेच सकते हैं, किराए पर दे सकते हैं या इसमें बदलाव कर सकते हैं। यह लंबे समय के लिए सुरक्षित निवेश माना जाता है।