टियर-2 शहरों में प्रॉपर्टी के रेट अभी भी कम हैं. 50 से 60 लाख रुपये तक की कीमत में दो बेडरूम, जबकि 70 से 80 लाख रुपये के दाम पर तीन बेडरूम के मकान मिल जाते हैं. वहीं दिल्ली, गुड़गांव, मुंबई, चेन्नई जैसे शहरों में बीते कुछ सालों के कीमतों में बेतहाशा उछाल आया है.

महानगरों में प्रॉपर्टी के दाम आसमान छू रहे हैं, एक मिडिल क्लास आदमी के लिए यहां घर लेना अब असंभव सा हो गया है. दिल्ली, नोएडा, मुंबई जैसे शहरों में प्रॉपर्टी खरीदना काफी महंगा सौदा हो गया है. निवेशक और खरीदार अब टियर-2 शहरों की ओर रुख कर रहे हैं, जहां प्रॉपर्टी की मांग में पिछले कुछ वर्षों में तेजी आई है. लखनऊ, जयपुर, चंडीगढ़, पुणे, प्रयागराज जैसे शहर प्रॉपर्टी निवेश के नए हॉटस्पॉट बन रहे हैं? आखिर क्यों इन शहरों में लोग प्रॉपर्टी ले रहे हैं… क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
प्रॉपर्टी विशेषज्ञ प्रदीप मिश्रा के अनुसार, टियर-2 शहरों ने पिछले कुछ वर्षों में निवेशकों को 100% तक रिटर्न दिया है. साल 2010-11 की तुलना में इन शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें ढाई गुना तक बढ़ी हैं. न केवल जमीन, बल्कि हाई-राइज इमारतों में फ्लैट्स की कीमतें भी तेजी से बढ़ रही हैं. इसके अलावा, इन शहरों किराए की प्रॉपर्टी की मांग भी काफी ज्यादा है, जिससे निवेशकों को पूंजीगत लाभ के साथ-साथ किराए से दोहरा मुनाफा मिल रहा है.
प्रॉपर्टी के रेट कम
टियर-टू शहरों में विकास की संभावनाएं हैं. इन शहरों के बुनियादी ढांचे को तेजी से विकसित करने के लिए अनेक परियाजनाएं चलाई जा रही हैं. यह शहर न सिर्फ एक्सप्रेसवे बल्कि हवाई मार्ग से भी जुड़ रहे हैं, जिससे वहां तक की पहुंच आसान हो रही है. वहीं मेट्रो और उनसे सटे शहरों में संपत्तियों की कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं, जिससे वहां निवेश कर पाना हर किसी के बस की बात नहीं रह गई है.

टियर-2 शहरों में प्रॉपर्टी के रेट अभी भी कम हैं. 50 से 60 लाख रुपये तक की कीमत में दो बेडरूम, जबकि 70 से 80 लाख रुपये के दाम पर तीन बेडरूम के मकान मिल जाते हैं. वहीं दिल्ली, गुड़गांव, मुंबई, चेन्नई जैसे शहरों में बीते कुछ सालों के कीमतों में बेतहाशा उछाल आया है. 2 बेडरूम फ्लैट के लिए भी किसी एंड यूजर या निवेशक को एक करोड़ रुपये से ऊपर का ही बजट रखने की जरूरत होती है. ऐसे में एक बड़ा वर्ग इन शहरों की ओर रुख कर रहा है, क्योंकि कम कीमत में भी अच्छी संपत्ति खरीदने के विकल्प देने वाले यह शहर संपत्ति के खरीदार का उनका बजट संतुलित रखने में अहम भूमिका निभाते हैं.
रोजगार के नए मौके बढ़े
वहीं टियर टू शहरों में पिछले कुछ सालों में रोजगार के अवसरों में भी बढ़ोतरी हुई है. धार्मिक स्थलों के कारण इन शहरों में पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है इसके साथ ही, यहां उद्योगों और सेवाओं में भी वृद्धि हो रही है, जिससे रोजगार के मौके आऐ रहे हैं. अनेक ऐसी कंपनियां है जो राज्य सरकारों की तरफ से दी जाने वाली छूट का लाभ उठाने के लिए अपनी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स को ऐसे शहरों में लगा रही हैं. किफायती कीमतें, बेहतर रिटर्न, बुनियादी ढांचे का विकास और रोजगार के बढ़ते अवसर टियर-2 शहरों को प्रॉपर्टी निवेश के लिए आदर्श बना रहे हैं.
People Also Ask ( FAQ )
दिल्ली, मुंबई, पुणे और नोएडा जैसे शहरों में बजट के अनुसार किफायती घर आसानी से मिल जाते हैं। इन शहरों में अच्छे कनेक्टिविटी और basic amenities के साथ affordable flats उपलब्ध हैं।
बजट के घर में निवेश करना सही रहेगा?
हाँ, किफायती घर में निवेश करने से आपको लंबे समय में शानदार रिटर्न मिल सकते हैं। खासकर ऐसे इलाके जहाँ विकास तेजी से हो रहा हो और metro, schools, hospitals पास हों।
किफायती प्रॉपर्टी खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
लोकेशन, connectivity, फ्लैट का size, amenities, और trusted builder या real estate company जैसे Guru Mahadev Real Estate Pvt. Ltd. से verify करना बहुत जरूरी है। इससे आपको सुरक्षित और सही investment मिलता है।