उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि महिलाओं के नाम पर होने वाली संपत्ति की रजिस्ट्री पर स्टांप शुल्क में एक प्रतिशत की छूट की सीमा को वर्तमान ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹1 करोड़ तक किया जाए ।

वर्तमान स्थिति: अब तक, महिलाओं को ₹10 लाख तक की संपत्ति की रजिस्ट्री पर एक प्रतिशत स्टांप शुल्क में छूट मिलती थी।
नई पहल: इस सीमा को बढ़ाकर ₹1 करोड़ तक करने का प्रस्ताव है, जिससे महिलाओं को बड़ी संपत्तियों की खरीद में भी लाभ मिलेगा।
लाभ: इस निर्णय से महिलाओं को संपत्ति खरीदने में आर्थिक राहत मिलेगी और उनकी संपत्ति में भागीदारी बढ़ेगी।

अन्य महत्वपूर्ण निर्णय:
- पैतृक संपत्ति का विभाजन: मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि पैतृक संपत्ति के पारिवारिक बंटवारे पर अधिकतम ₹5,000 का ही स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन फीस ली जाए ।
- सर्किल रेट का पुनरीक्षण: सर्किल रेट निर्धारण में समानता सुनिश्चित करने और विकास, शहरीकरण तथा आधारभूत संरचना की प्रगति को ध्यान में रखते हुए रेट तय करने के निर्देश दिए गए हैं।
- रजिस्ट्री प्रक्रिया का डिजिटलीकरण: रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए दस्तावेजों और भूमि स्वामी के सत्यापन को अनिवार्य किया गया है, जिससे भूमि विवादों में कमी आएगी।
यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि राज्य में पारदर्शिता और डिजिटलीकरण को भी बढ़ावा देगी। सरकार के इस निर्णय से महिलाओं को संपत्ति खरीदने में प्रोत्साहन मिलेगा और उनकी सामाजिक स्थिति मजबूत होगी।
People Also Ask ( FAQ )
अब उत्तर प्रदेश (UP) में अगर कोई महिला अपने नाम पर 1 करोड़ रुपये तक की संपत्ति की रजिस्ट्री कराती है, तो उसे स्टांप ड्यूटी में छूट मिलेगी। यानी महिलाओं को प्रॉपर्टी खरीदना पहले से सस्ता और आसान हो जाएगा।
यह छूट घर, फ्लैट, प्लॉट या किसी भी तरह की रजिस्ट्री पर लागू होगी, बशर्ते रजिस्ट्री महिला के नाम से हो और उसकी वैल्यू 1 करोड़ रुपये तक हो।
👉 इस फैसले से:
महिलाएं कम खर्च में अपनी प्रॉपर्टी रजिस्ट्री करवा सकेंगी।
महिलाओं को प्रॉपर्टी खरीदने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
परिवारों का खर्च कम होगा और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।